नई दिल्ली। झारखंड में राजग के घटक दलों के साथ सीटों का बंटवारा न हो पाने के कारण 29 सीटों की सूची फंस गई है। इस वजह से बीते रविवार को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने सिर्फ 52 सीटों के उम्मीदवारों की ही सूची जारी की। झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में कुल 81 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए मतदान होना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजग के सहयोगी दल, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) ने जिन सीटों पर दावा किया है, लगभग उन सीटों के नाम भाजपा की पहली सूची में नहीं हैं। जिससे माना जा रहा है कि सहयोगियों के संबंधित सीटों पर अड़ जाने के कारण भाजपा बातचीत सुलझाने के बाद दूसरी सूची जारी करने के मूड में है।
सीटों के बंटवारे की बात करें तो आजसू ने भाजपा से इस बार 19 सीटें मांगी हैं, जबकि 2014 के चुनाव में उसे आठ सीटें मिलीं थीं, जिसमें से वह पांच सीटें जीत पाई थी। लोहरदगा सीट को आजसू ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। आजसू और भाजपा दोनों यहां से लडऩा चाहती हैं। दरअसल, 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से आजसू नेता कमल किशोर भगत जीते थे।
हालांकि बाद में एक मामले में कोर्ट से सजा होने के कारण इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस से सुखदेव भगत ने बाजी मारी थी। अब सुखदेव भगत भाजपा में हैं। 2014 के चुनाव में जीत के कारण आजसू जहां इस सीट को हर हाल में पाना चाहती है, वहीं कांग्रेस से भगवा खेमे में मौजूदा विधायक सुखदेव भगत के आने के कारण भाजपा इस सीट से खुद लडऩा चाहती है।
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