नई दिल्ली। जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने सोमवार को बोर्ड की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। आपको बताते जाए कि नरेश गोयल जेट एयरवेज के प्रमुख प्रोमटरों में से एक थे। नरेश इससे पहले भी स्वयं भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे। उन्होंने इस संकट के बाद कर्मचारियों को भावुक पत्र भी लिखा था। इसमें नरेश ने बताया था कि वह किसी भी बलिदान को तैयार हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गोयल के हटने के बाद जेट के ऋणदाता संघ के सदस्य 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को एयरलाइंस में मिला सकते हैं। इसके बाद आनेवाले दिनों में नए खरीददार की तलाश प्रारंभ की जाएगी। नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट एयरवेज को संकट से बाहर निकालने का पूरा प्रयास करेंगे। जेट एयरवेज को आपातकालीन फंड मिलने का रास्ता दिखाई दे रहा है। पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 25 साल पुरानी इस एयरलाइंस को प्राथमिकता पर फंड दिया जाएगा।
ऋणदाता संघ द्वारा प्राथमिकता पर फंड मिलने से जेट एयरवेज को सहायता मिलेगी। कंपनी को बचाने का कोई नया प्लान नहीं बन जाता तब तक यह चलती रहेगी। एसबीआई जेट एयरवेज को आपातकाल फंड देने के लगातार खिलाफत कर रहा था। लेकिन अब वह फंड मुहिया कराने को तैयार है। यह माना जा रहा है कि अगर जेट के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया प्रारंभ होगी तो बैंक को ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा। क्योंकि जेट के 119 विमानों में से कुछ ही उसके हैं।
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