नई दिल्ली, । दिल्ली में सोमवार को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल से जुड़ी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक हुई। यह बैठक काफी हंगामेदार रही। विपक्ष ने निजी आरोप लगाए जाने की बात कहते हुए बैठक का बहिष्कार किया। दूसरी ओर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक का खुला विरोध किया।
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विपक्ष का कहना था कि जेपीसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का बेबुनियाद और विषय से हटकर आरोप लगाए गए। विपक्ष ने जेपीसी का अध्यक्ष बदलने की मांग भी उठाई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जेपीसी में वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद का यह प्रतिनिधिमंडल वक्फ संशोधन बिल पर अपने विचार और सुझाव रखने के लिए जेपीसी की बैठक में आया था। संसद भवन एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में यह बैठक हुई।
जमीयत की ओर से यहां वरिष्ठ अधिवक्ता रऊफ रहीम ने विधेयक से जुड़े विभिन्न संवैधानिक तर्क रखे। उनके अलावा पूर्व आईआरएस अधिकारी अकरामुल जब्बार खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी भी सोमवार को हुई इस बैठक का हिस्सा बने।
उधर, 'इंडिया' ब्लॉक से जुड़े विभिन्न विपक्षी दलों ने सोमवार को वक्फ संशोधन बिल की जेपीसी की बैठक का बहिष्कार किया। विपक्षी सांसदों का कहना था कि जेपीसी की बैठक में निजी आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्षी सांसद, कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी द्वारा दिए गए तथ्यों और कांग्रेस अध्यक्ष पर लगाए गए आरोपों से नाराज थे। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि अनवर, जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन बिल पर नहीं बल्कि विषय से परे और निजी मुद्दों पर बात कर रहे थे।
दरअसल, जेपीसी की बैठक में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष पर यह आरोप लगाने से जेपीसी में मौजूद विपक्ष के सभी सांसद काफी नाराज हुए। विपक्षी दलों के इन सांसदों ने तुरंत बैठक के बहिष्कार का निर्णय लिया। इतना ही नहीं विपक्ष के इन नाराज सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखने की बात कही। विपक्षी सांसदों का कहना है कि वह जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने इस विषय पर अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से मिलने का समय भी मांगा है।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि जेपीसी की कार्यवाही तय नियमों के अनुरूप नहीं चल रही है। उनका आरोप है कि कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने जेपीसी के समक्ष जो प्रेजेंटेशन दी है, वह बिल से संबंधित नहीं है। इतना ही नहीं, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बदनाम करने के लिए जेपीसी की बैठक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अनवर ने सोमवार को दिए गए अपने प्रेजेंटेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था। जेपीसी में शामिल कांग्रेस समेत विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया है।
--आईएएनएस
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