जामिया रजिस्ट्रार ने शिकायत की है और अन्य लोगों ने भी अपनी शिकायतों के
निवारण के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में पहले ही याचिका दायर की है, इसलिए
अनुरोध है कि वर्तमान आवेदन को कृपया खारिज कर दिया जाए। विश्वविद्यालय
प्रशासन ने अदालत में कहा था कि पुलिस पर हमले की प्राथमिकी दर्ज करने की
बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिका में कहा
गया है कि छात्रों को बेरहमी से पीटा गया और उनके साथ दुव्र्यवहार किया
गया।
आंसू गैस के गोले दागे गए, लाठीचार्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने
मुख्य पुस्तकालय के गेट को तोड़ दिया और अंदर पढऩे वालों पर आंसू गैस के
गोले दागे। याचिका में पुलिस पर सार्वजनिक उपद्रव पैदा करने, धार्मिक
भावनाओं को अपमानित करने, हत्या के प्रयास और अतिचार और सार्वजनिक संपत्ति
को नुकसान पहुंचाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज
करने के लिए अदालत से निर्देश देने की मांग की।
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