नयी दिल्ली । एसबीआई के नये शोध रिपोर्ट
में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये
जाने के बाद भी देश में महंगाई दर के सामान्य होने में समय लगेगा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में लगातार तेजी को देखते हुये
यह लगभग सुनिश्चित हो गया है कि आरबीआई जून और अगस्त की बैठक में भी ब्याज
दरों में बढ़ोतरी करेगा। आरबीआई अगस्त तक इसे कोरोना महामारी के पूर्व के
स्तर 5.15 प्रतिशत के स्तर तक ले जायेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई बढ़ने का भय बना रहेगा और इस बात की संभावना कम है कि इस पर जल्द काबू पाया जा सकेगा।
एसबीआई
ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में
महंगाई पर असर का अध्ययन किया। शोध में फरवरी माह को आधार माह के रूप में
लिया गया। फरवरी में ही यह युद्ध शुरू हुआ था।
शोध से पता चला कि युद्ध के कारण महंगाई में 52 फीसदी योगदान खाद्य और पेय पदार्थो तथा परिवहन का रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लागत मूल्य पर युद्ध के प्रभाव को भी इसमें
जोड़ा जाये, खासकर एफएमसीजी क्षेत्र में, तो महंगाई में इस युद्ध का
योगदान बढ़कर 59 प्रतिशत हो जायेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि
आरबीआई के समक्ष चुनौती यह है कि क्या बिना युद्ध के समाप्त हुये सिर्फ
ब्याज दरों में बढ़ोतरी करके महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा।
एसबीआई
की शोध रिपोर्ट में इस बात भी चिंता व्यक्त की गई है कि आरबीआई द्वारा
ब्याज दरों में बढ़ोतरी किये जाने से आर्थिक विकास की गति बाधित होगी जबकि
महंगाई का भय पहले की तरह ही बना रहेगा।
गौरतलब है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
--आईएएनएस
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope