नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने गुरुवार को एसएलवी-एफ-08 को लॉन्च कर दिया है। इस सैटेलाइट को श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। यह सैटेलाइट 10 साल काम करेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए इस प्रक्षेपण की अहमितय को इस बात से समझा जा सकता है कि यह अपने साथ जीसैट-6ए कम्युनिकेशन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लेकर गया। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, इस उपग्रह को भारतीय रॉकेट जियोसिनक्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ08) द्वारा कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो ने कहा कि जीसैट-6 की तरह ही जीसैट-6ए है।
यह उपग्रह विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिसमें 6एम एस-बैंड अनफ्लेरेबल एटीना, हैंडहेल्ड ग्राउंड टर्मिनल व नेटवर्क प्रबंधन प्रौद्योगिकी शामिल हैं। ये उपग्रह आधारित मोबाइल संचार अनुप्रयोगों में उपयोगी हैं।
GSAT-6A की खासियत?
आई-2के बस: इसे इसरो ने ही बनाया है। यह सैटेलाइट को 3119 वॉट पावर देता है।
एंटीना: छह मीटर व्यास वाला। सैटेलाइट में लगने वाले सामान्य एंटीना से तीन गुना चौड़ा है।
एस-बैंड: यह मोबाइल की 4-जी सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मौसम की जानकारी देने वाले रडार, शिप रडार, कम्युनिकेशन सैटेलाइट में भी इस्तेमाल होता है।
- मोबाइल कम्युनिकेशन में मदद करेगा। इसे सेना के इस्तेमाल के हिसाब से भी डिजाइन किया गया है।
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