नई दिल्ली/बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) शाम
आईआरएनएसएस-1एच नाम का सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। भारत के आठवें
नैविगेशन सैटलाइट की लॉन्चिंग देश के अंतरिक्ष अभियान के इतिहास में एक नया
अध्याय जोडेगी। इस बार सैटलाइट के असेंबलिंग और टेस्टिंग में प्राइवेट
सेक्टर भी सक्रिय रूप से शामिल है। इससे पहले प्राइवेट सेक्टर की भूमिका
सिर्फ कल-पुर्जों की सप्लाई तक सीमित थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
1,425 किलोग्राम वजन का
सैटलाइट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से
अपनी यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है। इसे इंडियन स्पेस रिसर्च
ऑर्गनाइजेशन के भरोसेमंद लॉन्च वीइकल पीएसएलवी-एक्सएल से छोड़ा जाएगा।
आईआरएनएसएस-1एच
सैटलाइट को बनाने में बेंगलुरु बेस्ड अल्फा डिजाइन टेक्नॉलजिज की अगुआई
में प्राइवेट कंपनियों का 25 प्रतिशत योगदान है। इन कंपनियों ने इसरो के
वैज्ञानिकों की देखरेख में सैटलाइट के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई है।
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