नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधन संगठन (इसरो) ने 7 सितंबर को तडक़े 1.50 बजे के आस-पास विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश की थी, लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सका और विक्रम से संपर्क टूट गया था। पूरे देश को तब काफी ठेस लगी थी, जब हमारा चंद्रयान-2 मिशन मामूली अंतर से चूक गया था। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने भारतीय वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बीच, एक इंग्लिश न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में इसरो प्रमुख डॉ. के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 की 98 फीसदी सफलता की घोषणा उन्होंने नहीं की थी। यह उस राष्ट्रीय स्तर की कमेटी ने कहा था जो पूरे मिशन का रिव्यू कर रही है। सिवन ने कहा कि कमेटी का मानना है कि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार हमारे मिशन में सिर्फ 2 फीसदी की कमी आई है, 98 फीसदी मिशन कामयाब रहा।
मेरा भी यही मानना है कि मिशन 98 फीसदी सफल रहा क्योंकि हमने पहली बार 4 टन से ज्यादा वजन के किसी सैटेलाइट को जियोस्टेशनरी सैटेलाइट ऑर्बिट में डाला। हमने पहली बार दो सैटेलाइट लैंडर और ऑर्बिटर को एक साथ चांद की कक्षा में पहुंचाया। हमने पहली बार ऑर्बिटर में ऐसे पेलोड्स लगाए हैं, जो दुनिया में पहली बार इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ये पेलोड्स अत्याधुनिक हैं। यही नहीं, लैंडिंग से पहले विक्रम के सभी सब-सिस्टम सही से काम कर रहे थे।
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