पूर्व मंत्री ने कहा, न्यायाधीश का यह कथन कि मामले की जटिलता जमानत से
इनकार को सही ठहराती है, स्पष्ट रूप से गैरकानूनी है और अन्यायपूर्ण है।
मूल निवेश व डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए मंजूरी दी गई। दोनों निवेश
प्रस्तावों की जांच की गई और सामान्य रूप से प्रोसेस्ड किया गया और
एफआईपीबी के समक्ष रखा गया।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट इसका मूल्यांकन करने
में विफल रहा कि प्राथमिकी निराधार है, राजनीति से प्रेरित है और यह उनके
(चिदंबरम) व उनके बेटे (कार्ति चिदंबरम) के खिलाफ बदले की भावना से प्रेरित
है, क्योंकि वह मोदी सरकार के मुखर आलोचक हैं और राज्यसभा के सांसद हैं।
उन्होंने कहा, याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बिना मामले की जांच पूरी होने
के बाद सीबीआई के पास जमानत का विरोध करने या हिरासत की मांग करने का कोई
आधार नहीं है।
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