नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में मुख्य साजिशकर्ता कहना निराधार है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अग्रिम जमानत अर्जी में चिदंबरम ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश की यह टिप्पणी कि याचिकाकर्ता (चिदंबरम) मामले में मुख्य साजिशकर्ता है, पूरी तरह निराधार है और इसके समर्थन में कोई सामग्री नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले बुधवार को चिदंबरम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया और अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति एन.वी.रमना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति रमना ने चिदंबरम की आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेज दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस बात की जांच कर रहे हैं कि कैसे चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से 2007 में मंजूरी पाने में कामयाब रहे, जब उनके पिता वित्तमंत्री थे। चिदंबरम ने शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी जमानत याचिका में कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने महत्वपूर्ण तथ्य को नजरअंदाज किया है कि वह आसानी से एफआईपीबी की सर्वसम्मति से की गई सिफारिश को मंजूर कर सकते हैं।
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