नई दिल्ली। देश का सबसे पहला राजनीतिक दल कांग्रेस (Congress) में एक-दूसरे को नीचा दिखाने और अंदरूनी कलह में उलझी हुई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद काफी ऊहापोह के बीच अंतरिम पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद संभालने वाली सोनिया गांधी के सामने एक बड़ी चुनौती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देश की सबसे पुरानी पार्टी अव्यवस्थित-सी लग रही है, जहां महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ कुछ राज्यों में सामूहिक नेतृत्व का आभाव है। इन राज्यों में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अंदरूनी कलह से राजस्थान, मध्यप्रदेश और कर्नाटक भी परेशान हैं।
हरियाणा में हालांकि सोनिया गांधी पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को चुनाव समिति और सीएलपी का अध्यक्ष और प्रदेश में पार्टी का नेता बनाकर उन्हें शांत करने और स्थिति संभालने में कामयाब रहीं। हालांकि, पार्टी इकाई में समस्या दूर होना दूर की कौड़ी है, क्योंकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर नाखुश हैं और उन्होंने कहा है कि वह हुड्डा के साथ उसी तरह से सहयोग करेंगे, जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में उनके साथ व्यवहार किया था।
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