नई दिल्ली । कोरोना वायरस के खतरे के बीच चीन में रह रहे अधिकांश भारतीय छात्र व अन्य नागरिक जल्द ही भारत लौटेंगे। भारत सरकार ने चीन से आने वाले करीब 600 छात्रों और अन्य भारतीयों को दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर कैंप में ठहराने का इंतजाम किया है। फिलहाल चीन से 366 भारतीय लौट रहे हैं। भारत सरकार ने शेष भारतीय नागरिकों को कम से कम 2 सप्ताह तक अलग रखने का फैसला किया है। इसी फैसले के तहत चीन से लौट रहे सभी भारतीयों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की बिल्डिंग और इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रमण चीन के वुहान प्रांत में फैला है। वुहान से कोरोना वायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है। वुहान प्रांत में ही अधिकांश भारतीय छात्र व अन्य नागरिक फंसे हुए हैं।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में चीन की सरकार से संपर्क किया है। चीन व भारत की सरकारों के बीच आपसी बातचीत के बाद अब यह सभी छात्र व अन्य नागरिक स्वदेश लौट रहे हैं। दिल्ली और हरियाणा में बने अस्थायी कैंप में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की गहन जांच की जाएगी, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "चीन से आने वाले करीब 366 भारतीय नागरिकों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के बाहरी दिल्ली स्थित छावला कैंप और हरियाणा स्थित मानेसर में ठहराया जाएगा। ये सभी भारतीय चीन के वुहान प्रांत से लौट रहे हैं। चीन के वुहान प्रांत से आने वाले छात्र व अन्य भारतीयों को 2 सप्ताह तक रखने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान चीन से आए ये सभी लोग अपने परिवार समेत किसी भी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलेंगे।"
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि चीन से आए किसी भी भारतीय नागरिक के शरीर में संक्रमण का कोई वायरस मौजूद रहा तो इन 2 सप्ताह के दौरान उस वायरस की पहचान रोकथाम और उपचार किया जा सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, "चीन के वुहान राज्य में ही 500 से अधिक भारतीय हैं। चीन सरकार ने सभी भारतीयों को सुरक्षित एवं एकांत स्थान पर रखा है। हमारा विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के विषय पर चीन की सरकार के साथ संपर्क में है और जल्द ही भारत लौटने के इच्छुक सभी नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा।"
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, "चीन से भारत लाए जाने के उपरांत इन सभी लोगों को 14 दिन के लिए अलग रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि यदि चीन से आए इन भारतीयों में से किसी के भी व्यक्ति के शरीर में कोरोना का वायरस हुआ तो इन 14 दिन में उसकी जानकारी व रोकथाम हो जाएगी।"
हालांकि डॉ. हर्ष वर्धन के मुताबिक, चीन में रह रहे इन भारतीयों में से कोई भी व्यक्ति अभी कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, गृह व जहाजरानी आदि कई मंत्रालय मिलकर एक संयुक्त टीम के रूप में काम कर रहे हैं। जिस प्रकार 2014 में इबोला वायरस को सतर्कता के चलते भारत में दाखिल नहीं होने दिया गया था, उसी तरह कोरोना वायरस को भी भारत से बाहर रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
--आईएएनएस
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