उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इन सेंसर का इस्तेमाल कोच और डिब्बों में पानी
भरने के लिये भी किया जा रहा है, जिससे हर समय कोच और डिब्बों में पानी
पर्याप्त मात्रा में रखा जा सके। ये सेंसर डिब्बों में पानी के औसत मात्रा
से कम होते ही निकटम स्टेशन को अलर्ट भेजते हैं जिससे यह मालूम हो जाता है
कि किस कोच या डिब्बे में पानी भरना है।
रेलवे के अनुसार, रेलवे के
यात्री डिब्बों को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ), कपूरथला की
रेलवे कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) और रायबरेली की मॉर्डन कोच फैक्ट्री (एमसीएफ)
में स्मार्ट बनाया जाएगा। इस काम में रेलवे के 2,000 से ज्यादा अधिकारी और
तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं।
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