नई दिल्ली। भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित 'राष्ट्रीय समर स्मारक' पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
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श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शांति सैनिकों के 76वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस का स्मरणोत्सव मनाया गया। आज के दिन वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र के पहले शांति मिशन के अंतर्गत 'संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम पर्यवेक्षण संगठन (यूएनटीएसओ)' ने फिलिस्तीन में सामरिक गतिविधियों को शुरू किया था। भारत अपने सैनिकों का सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है। भारत ने अब तक विभिन्न शांति अभियानों में लगभग 2,87,000 सैनिकों की सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। यह उल्लेखनीय तथ्य है कि भारतीय सेना के 160 जवानों ने दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
वर्तमान समय में, भारतीय सशस्त्र बल नौ देशों के शांति मिशनों में तैनात हैं। गौरतलब है कि हर वर्ष आज के दिन संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के तमाम देश उन पुरुष एवं महिला सैनिकों की कार्य कुशलता, समर्पण व साहस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में अपनी सेवाएं दी हैं और अभी भी सेवा कर रहे हैं। यह दिन उन लोगों के बलिदान की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिन्होंने शांति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
भारतीय सेना ने शांति अभियानों में विशेष प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) की स्थापना भी की है। यह केंद्र हर वर्ष 12,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र के मिशनों में भारतीय टुकड़ियों की जंगी कार्रवाई दक्षता एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और वाहन तैनात किए हैं। ये वाहन एवं उपकरण भारत में निर्मित हैं और मिशन वाले क्षेत्रों में कठिन भूभाग, मौसम तथा परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं का सफलतापूर्वक सामना कर चुके हैं।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण पहल के पूर्ण सहयोग व नारी शक्ति पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अबेई (लाइबेरिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी भारतीय महिला टुकड़ी) में महिला सहभागिता दल (एफईटी) तैनात किए हैं। भारत ने गोलान हाइट्स में महिला सैन्य पुलिस और विभिन्न मिशनों में महिला स्टाफ ऑफिसर/सैन्य पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया है।
कई अन्य प्रमुख योजनाओं के अनुसार अन्य मिशनों के लिए भारत की तरफ से सैन्य योगदान भी बढ़ाया गया है। इसी क्रम में मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय द्वारा "मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर 2023" पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए चुना गया है, जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पहल में भारतीय महिलाओं के सकारात्मक योगदान का प्रमाण है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत ने 5-6 दिसंबर, 2023 को घाना के अकरा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल होकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा भविष्य की शांति स्थापना गतिविधियों के प्रति अपनी वचनबद्धता की पुन: पुष्टि की है। इस बैठक के दौरान, भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अगले दो वर्षों के लिए पैदल सेना की एक टुकड़ी, विभिन्न उप-समूहों, प्रशिक्षकों हेतु संयुक्त राष्ट्र पूर्व-तैनाती प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक पाठ्यक्रम की प्रतिबद्धता जताई है।
--आईएएनएस
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