आपको बताते जाए कि इन मिसाइलों को सरकार ने 10-I परियोजना के तहत लेने
का निर्णय लिया है। इसके तहत तय किया गया है कि तीनों सेनाओं के पास जरूरी
साजोसामान उपलब्ध रहे।द
रूस ने इन मिसाइलों को अपने मिग और सुखोई
सीरीज लड़ाकू विमानों में तैनात करने के लिए तैयार किया है। इससे भारत के
पास मध्यम से लंबी दूरी तक की रेंज में मार करने की क्षमता होगी।
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