नई दिल्ली । कृषि क्षेत्र में सुधार
के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों के विरोध में देश की राजधानी
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के धरना-प्रदर्शन के चार महीने पूरे
होने पर 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा
के नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि शुक्रवार को 'पूर्ण भारत बंद' असरदार होगा
और इससे आंदोलन को और ताकत मिलेगी।
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों की
अगुवाई करने वाले करीब 40 यूनियनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा ने
देशवासियों से 26 मार्च को पूर्ण भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संयुक्त
किसान मोर्चा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, शुक्रवार को सुबह 6
बजे से शाम 6 बजे तक देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी सड़कें और
रेलमार्ग समेत तमाम बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाएगा।
मोर्चा
ने हालांकि उन स्थानों को पूर्ण भारत बंद से मुक्त रखा है, जहां चुनाव
चुनाव होने जा रहा है। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो
चुकी है और 27 मार्च को असम और पश्चिम बंगाल में पहले चरण का मतदान होने
जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल क्रांतिकारी किसान
यूनियन के नेता डॉ. दर्शनपाल ने आईएएनएस से कहा कि किसान आंदोलन मजबूती के
साथ चल रहा है और देशभर में हो रहे किसान महापंचायतों में 50,000 से एक लाख
और उससे भी ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। इससे पता चलता है कि तीन कृषि
कानूनों के विरोध में लोग लामबंद हैं।
उन्होंने कहा कि देशभर में
लोग अब इन कानूनों की खामियों और इरादों को समझ चुके हैं और सरकार किसानों
की मांगें मानने को तैयार नहीं है, इसलिए भारत बंद के माध्यम से सरकार को
इस संबंध में संदेश देने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण भारत बंद
असरदार होगा।
पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन
(लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने भी भारत बंद पूरी तरह
कामयाब होने की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब पूरे देश
में पहुंच गया है और किसानों के प्रति हमदर्दी रखने वाले देशवासी इसे सफल
बनाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि
भारत बंद के दौरान सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। तमाम
छोटी व बड़ी सड़कें और रेलमार्ग को जाम रखा जाएगा। हांलांकि एम्बुलेंस व
अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। मोर्चा ने कहा कि
दिल्ली के भीतर भी भारत बंद का प्रभाव रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद की अपील के दौरान अपनी पांच मांगें रखी हैं।
ये मांगें हैं :
- तीन कृषि कानूनों को रद्द करो
- एमएसपी व खरीद पर कानून बने
- किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द करो
- बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस करो
- डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें कम करो
मोर्चा ने प्रदर्शनकारी किसानों से भारत बंद के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है।
--आईएएनएस
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