नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र कार्यालय
में भारत के स्थायी मिशन ने भारत के नए आईटी मानदंडों के संबंध में
मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया शाखा द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब
दिया है। इसमें स्थायी मिशन ने जोर देकर कहा है कि भारत की लोकतांत्रिक साख
अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है और विभिन्न हितधारकों के साथ उचित
परामर्श के बाद नए मानदंडों को अंतिम रूप दिया गया है।
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मिशन के पत्र में कहा गया है, "इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना
प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 2018 में
व्यक्तियों, नागरिक समाज, उद्योग संघ और संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के
साथ व्यापक विचार-विमर्श किया और मसौदा नियम तैयार करने के लिए सार्वजनिक
टिप्पणियां आमंत्रित कीं।"
तत्पश्चात एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में प्राप्त टिप्पणियों पर विस्तार से चर्चा हुई और तदनुसार, नियमों को अंतिम रूप दिया गया।
मिशन ने संयुक्त राष्ट्र की शाखा से यह भी कहा: "भारत की लोकतांत्रिक साख अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है।"
भारतीय
संविधान के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी है।
भारत के स्थायी मिशन ने अपने पत्र में कहा, स्वतंत्र न्यायपालिका और एक
मजबूत मीडिया भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा हैं।
इसमें कहा गया है, "भारत का स्थायी मिशन अनुरोध करता है कि संलग्न जानकारी को संबंधित विशेष प्रतिवेदकों के ध्यान में लाया जाए।"
भारत
सरकार और ट्विटर नए मानदंडों को लेकर एक तरह से संघर्ष की स्थिति में हैं,
जिसमें केंद्र ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मानदंडों का पालन करने
में विफल रहा है।
हालांकि, कंपनी ने हाल ही में कहा कि उसने नए
मध्यस्थ दिशानिदेशरें के तहत सुझाव के अनुसार एक अंतरिम मुख्य अनुपालन
अधिकारी नियुक्त किया है।
नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण ट्विटर ने भारत में मध्यस्थ मंच का अपना दर्जा भी खो दिया है।
--आईएएनएस
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