नई दिल्ली। भारत को 2024-25 में 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर 14 खरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है, जिससे आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी, क्योंकि बिजली की कमी, परिवहन का अभाव और खराब कनेक्टिविटी से विकास प्रभावित होता है। यह बात आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कही गई है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया।
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आर्थिक सर्वेक्षण में भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का विस्तृत विश्लेषण करते हुए विकास के लिए इस क्षेत्र में निवेश की जरूरत पर बल दिया गया है।
समावेशी विकास के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी है, इसलिए भारत ने हाल ही में वर्ष 2020-2025 की अवधि के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) लांच किया है।
भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2024-25 तक 50 खरब डॉलर करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर इस अवधि के दौरान 14 खरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है, ताकि देश की आर्थिक विकास की राह में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी बाधा न बन सके।
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