नई दिल्ली । प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्चुअली आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि
भारत न केवल अपने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा कर रहा है, बल्कि उससे
आगे भी बढ़ रहा है।
जी20 साइड इवेंट, 'सेफगार्डिग द प्लैनेट-द सर्कुलर कार्बन इकोनॉमिक अप्रोच'
में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत ने स्वच्छ जलवायु के लिए कई
क्षेत्रों में ठोस कार्रवाई की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने
एलईडी लाइट्स को लोकप्रिय बनाया है। यह प्रतिवर्ष 3.8 करोड़ टन कार्बन
डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचाता है। हमारी उज्जवला योजना के माध्यम से 8
करोड़ से अधिक घरों में धुआं मुक्त रसोई उपलब्ध कराई गई है। यह विश्व स्तर
पर सबसे बड़ी स्वच्छ ऊर्जा पहलों में से एक है।"
उन्होंने कहा,
"जलवायु परिवर्तन से हमें अकेले नहीं बल्किएकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके
से लड़ना चाहिए। पर्यावरण के अनुरूप रहने की हमारी पारंपरिक नैतिकता और
मेरी सरकार की प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर, भारत ने कम कार्बन और
जलवायु-अनुकूल विकास परंपराओं को अपनाया है।"
अपनी सरकार द्वारा किए
गए प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए, उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक
को खत्म करने के अभियान को रेखांकित किया।
मोदी ने कहा, "हमारे
फोरेस्ट कवर का विस्तार हो रहा है। शेर और बाघों की आबादी बढ़ रही है।
हमारा लक्ष्य 2030 तक 260 लाख हेक्टेयर खराब भूमि को उपयोगी बनाना है और,
हम एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री
ने कहा, "भारत अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे जैसे मेट्रो नेटवर्क,
जल-मार्ग इत्यादी चीजें बना रहा है। सुविधा और दक्षता के अलावा, वे एक
स्वच्छ वातावरण में भी योगदान देंगे।"
प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया
कि भारत 2022 के लक्ष्य से पहले 175 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा के अपने लक्ष्य
को अच्छी तरह से पूरा कर लेगा।
उन्होंने कहा, "अब, हम 2030 तक 450 गीगावाट प्राप्त करने का एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।"
--आईएएनएस
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