साथ ही विदेश मंत्रालय ने मलेशिया को नसीहत देते हुए कहा कि विलय पत्र के
जरिए दूसरी रियासतों की जैसे कश्मीर का भारत में विलय हुआ। पाकिस्तान ने
भारत के उस हिस्से पर आक्रमण किया और कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया।
मलेशिया को यह समझना जरूरी है कि दो देशों के बीच मित्रवत रिश्ते का क्या
मतलब होता है और इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
रवीश से जब पूछा गया
कि इमरान ने कहा कि वो पाकिस्तानी नागरिकों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) की
तरफ जाने की वकालत कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इमरान ने यूएनजीए में भी
ऐसे भडक़ाऊ और गैर जिम्मेदाराना बयान दिए थे। लगता है कि इमरान को यह पता
नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को किस तरह से निभाया जाता है। सबसे
गंभीर बात यह है कि इमरान ने अपनी जनता से भारत के खिलाफ जिहाद की अपील की
जो कि सामान्य बात नहीं है।
हाफिज सईद के लिए सहायता राशि के लिए गुहार
लगाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पड़ोसी देश के दोहरे चरित्र को
दिखाता है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से
अनुरोध किया था कि सईद के परिवार के मासिक खर्चे के लिए उसे बैंक खाते को
इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के अनुरोध
पर जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को उसके बैंक खाते को इस्तेमाल करने की
इजाजत भी दे दी।
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