नई दिल्ली । भारत और चीन पूर्वी
लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए रविवार को कोर कमांडर वार्ता के
13वें दौर में चीनी पक्ष के मोल्दो में बातचीत करेंगे।
दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लगते
क्षेत्रों में सैनिकों के समग्र रूप से पीछे हटने (डी-एस्केलेशन) के तीसरे
चरण को लेकर भी चर्चा करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दोनों देशों द्वारा पूर्वी लद्दाख में
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोगरा में फ्रिक्शन पैट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी)
17ए से सैनिकों को वापस बुलाने के दो महीने बाद वार्ता निर्धारित है।
सैनिकों
के पीछे हटने की प्रक्रिया दो दिनों के दौरान 4 और 5 अगस्त, 2021 को की गई
थी। दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों पर तैनात हैं।
यह कदम 31 जुलाई, 2021 को कोर कमांडरों के बीच 12वें दौर की वार्ता के तुरंत बाद सामने आया था।
बैठक
के परिणाम के रूप में, दोनों पक्ष गोगरा में पीछे हटने पर सहमत हुए थे। इस
क्षेत्र में सैनिक पिछले साल मई से आमने-सामने की स्थिति में हैं।
गोगरा
के लिए दोनों देशों के बीच पीछे हटने की प्रक्रिया के साथ, भारत अब 13वें
दौर की सैन्य वार्ता के दौरान हॉट स्प्रिंग्स और 900 वर्ग किमी के देपसांग
मैदान जैसे अन्य विवाद वाले क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेगा।
भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार सभी मुद्दों को हल करने के लिए हालिया सैन्य कमांडरों की बैठकों के दौरान जोर दिया है।
अब
तक, कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 12 दौर के अलावा, दोनों बलों ने 10 मेजर
जनरल स्तर, 55 ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता और हॉटलाइन पर 1,450 कॉल भी की
हैं।
इससे पहले हिमालयी क्षेत्र के दो दिग्गजों की टुकड़ियां इस साल फरवरी में पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों से हट चुकी हैं।
भारत और चीन के बीच पिछले 16 महीने से सीमा विवाद चल रहा है।
--आईएएनएस
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