नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में न्यायिक और अर्ध-न्यायिक मंचों पर केस दायर करने की सीमा अवधि को फिर से बढ़ाने पर सहमति जताई। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ दिन में बाद में एक विस्तृत आदेश जारी करेगी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने भी कहा, "हम इस मामले में याचिका को स्वीकार कर रहे हैं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने मार्च 2020 के आदेश को बहाल करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसके माध्यम से अदालत ने कोविड -19 के बीच वादियों के सामने आने वाली कठिनाइयों की पृष्ठभूमि में सीमा अवधि को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
एससीएओआरए के अध्यक्ष, अधिवक्ता शिवाजी जाधव ने प्रस्तुत किया कि पिछले कुछ दिनों में देश भर में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और अदालत से सीमा विस्तार के आदेशों को बहाल करने का आग्रह किया। अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने एससीएओआरए की याचिका का समर्थन किया।
एससीएओआरए ने 23 मार्च, 2020 और 27 अप्रैल, 2021 के आदेश की बहाली की मांग करते हुए 'सीमा के विस्तार के लिए आवेदन दायर किया था, जिसके माध्यम से मामलों को दर्ज करने की सीमा अवधि बढ़ा दी गई थी।
एससीएओआरए के आवेदन ने तर्क दिया कि एक नए वेरिएंट, विशेष रूप से ओमिक्रॉन के मद्देनजर, कोविड महामारी की स्थिति में भारी बदलाव आया है।
याचिका में कहा गया है कि कोविड के मामलों में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए, सीमा की अवधि के संबंध में छूट को बहाल करना आवश्यक हो जाता है।
--आईएएनएस
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