• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

छात्रों के चेहरे पर है चमक, स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने को आगे आएं प्राइवेट सेक्टर: पीएम मोदी

There is a glow on the face of students, private sector should come forward to enhance the quality of schools: PM Modi - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। स्कूल और कॉलेज फिर से खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता जाहिर की है। छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ 2 सालों में पहली बार छात्रों के चेहरे पर अलग सी चमक दिख रही है। यह चमक संभवत स्कूल खुलने की लगती है। प्रधानमंत्री ने प्राइवेट सेक्टर से कहा कि वे आगे आएं और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान दे। प्रधानमंत्री ने छात्रों समेत सभी लोगों से कहा कि कोरोना नियमों का पालन भी पूरी कड़ाई से करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) की नई पहल के अन्तर्गत मंगलवार को यूडीएल आधारित 10,000 शब्दों की आईएसएल डिक्शनरी, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा 3.0, विद्यांजलि 2.0 और एसक्यूएएएफ को लॉन्च किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक पर्व के अवसर पर देशभर के शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों एवं अन्य हित धारकों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज जो योजनाएं शुरू हुई हैं वह भविष्य के भारत को आकार देने में भूमिका निभाएंगी। मुझे पूरा भरोसा है यह न केवल हमारे एजुकेशन सिस्टम को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी बल्कि हमारे युवाओं को भी भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "ऑनलाइन क्लासेस, ग्रुप वीडियो कॉल, ऑनलाइन प्रोजेक्ट, ऑनलाइन एग्जाम पहले ऐसे शब्द बहुत लोगों ने सुने भी नहीं थे। लेकिन हमारे शिक्षकों ने अभिभावकों ने हमारे युवाओं ने इन्हें सहजता से दैनिक जीवन का हिस्सा बना दिया। अब समय है अपनी क्षमताओं को हम आगे बढ़ाएं।"

पीएम मोदी ने कहा, "विद्या सभी संपत्तियों में सबसे बड़ी संपत्ति है क्योंकि विद्या ही ऐसी संपत्ति है जो दूसरों को दान में देने से बढ़ती है। विद्यांजलि 2.0 इसी पुरातन परंपरा को अब एक नए कलेवर में मजबूत करेगी। देश ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सब का प्रयास का जो संकल्प लिया है इस कड़ी में विद्यांजलि 2.0 उसके लिए एक जीवंत प्लेटफार्म की तरह है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे समाज को हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है। उन्होंने कहा,साथियों अनादि काल से भारत में समाज की सामूहिक शक्ति पर भरोसा किया गया है। यह अर्से तक हमारी सामाजिक परंपरा का हिस्सा रहा है। जब समाज मिलकर कुछ करता है तो निश्चित परिणाम हम अवश्य मिलते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जन भागीदारी के जरिए स्वच्छता आंदोलन हो, हर गरीब के घर में गैस का कनेक्शन पहुंचाना हो हर क्षेत्र में भारत की प्रगति हुई है। अब विद्यांजलि भी इसी कड़ी में एक सुनहरा अध्याय बनने जा रही है। विद्यांजलि देश के हर नागरिक के लिए आह्वान है कि वह इसमें भागीदार बने देश के भविष्य गढ़ने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए दो कदम आगे आए।

प्रधानमंत्री ने आवाहन करते हुए कहा, "आप एक इंजीनियर हो सकते हैं, एक डॉक्टर हो सकते हैं, एक रिसर्च साइंटिस्ट हो सकते हैं या फिर आईएएस अफसर, आप किसी स्कूल में जाकर बच्चों को कितना कुछ सिखा सकते हैं। आप के जरिए उन बच्चों को जो सीखने को मिलेगा उससे उनके सपनों को नई दिशा मिल सकती है।"

पीएम मोदी ने कहा कि आप और हम ऐसे कितने ही लोगों के बारे में जानते हैं जो ऐसा कर भी रहे हैं। कोई बैंक का रिटायर्ड मैनेजर है लेकिन उत्तराखंड के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ा रहा है। कोई मेडिकल फील्ड से जुड़ा है लेकिन गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज दे रहा है। उनके लिए संसाधन उपलब्ध करा रहा है, यानी आप चाहे समाज में किसी भी भूमिका में हो सफलता की किसी भी श्रेणी पर हों, युवाओं के भविष्य निर्माण में आपकी भूमिका भी है और भागीदारी भी है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि आधुनिक बनाने में शिक्षा को आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्टेक्चर की भी बड़ी भूमिका होने वाली है। जैसे यूपीआई इंटरफेस है, बैंकिंग सेक्टर में क्रांति ला दी है, वैसे ही नेशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्टेक्चरर सभी शैक्षणिक गतिविधियों के गतिविधियों के बीच एक सुपर कनेक्टर की भूमिका अदा करेगा। यह सभी बदलाव हमारी आधुनिक शिक्षा का चेहरा भी बनेंगे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भेदभाव को भी खत्म करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज देश टॉकिंग बुक और ऑडियोबुक जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है। ऐसा इसलिए ताकि सबको समान शिक्षा के अवसर मिल सके 10,000 शब्दों की इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी को भी लॉन्च किया गया है। असम के बिहू से लेकर भारतनाट्यम तक सांकेतिक भाषा हमारे यहां सदियों से कला और संस्कृति का हिस्सा रही है। अब देश पहली बार साइन लैंग्वेज एक सब्जेक्ट के रूप में पाठ्यक्रम का हिस्सा बन रहा है। यह तकनीक दिव्यांगों की भी मदद करेगी। निपुण भारत के अंतर्गत 3 वर्ष से 8 साल तक के बच्चों के लिए एक मिशन लॉन्च किया गया है। 3 साल की उम्र से ही सभी बच्चे अनिवार्य तौर पर प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है पूरे ब्रह्मांड में गुरु की कोई उपमा नहीं होती। कोई बराबरी नहीं होती, जो काम गुरु कर सकता है वह कोई नहीं कर सकता। इसलिए आज देश अपने युवाओं के लिए शिक्षा से जुड़े जो भी प्रयास कर रहा है उसकी बागडोर हमारे शिक्षक भाई-बहनों के ही हाथ में है। तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। निष्ठा ट्रेनिंग प्रोग्राम से जरिए शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। निष्ठा 3.0 अब इस दिशा में एक और अगला कदम है। मैं इसे बहुत महत्वपूर्ण कदम मानता हूं। हमारे शिक्षक नए तौर-तरीकों से परिचित होंगे तो भविष्य के लिए युवाओं को और सहजता से गढ़ पाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय छात्रों की विशेष पूंजी उनके भीतर के भारतीय संस्कार ह

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-There is a glow on the face of students, private sector should come forward to enhance the quality of schools: PM Modi
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: pm narendra modi, desired results, power of people participation, tokyo olympics, paralympics, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, delhi news, delhi news in hindi, real time delhi city news, real time news, delhi news khas khabar, delhi news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved