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लोकसभा में हाल ही में मुस्लिम महिला(विवाह अधिकार संरक्षण)
विधेयक, 2018 भी पारित हो गया, जिसके अंतर्गत तीन तलाक या तलाक-ए-इबादत को
दंडनीय अपराध ठहराया गया है और इसके अंतर्गत जुर्माने के साथ-साथ तीन साल
जेल की सजा का प्रावधान है। विधेयक को सितंबर में लाए गए अध्यादेश के स्थान
पर लाया गया है, जिसके अंतर्गत पति द्वारा 'तलाक' बोलकर तलाक देने पर
पाबंदी लगाई गई है।
इसके अलावा लोकसभा ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पारित किया गया।
आपराधिक कानून में इस बदलाव से अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ
दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
सड़क की बात करें, तो इस साल की शुरुआत में जम्मू से सटे कठुआ में एक आठ
साल की बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर
रख दिया।
दुष्कर्म के बाद बच्ची की क्रूर हत्या ने लोगों को
सड़कों पर उतरकर देश-व्यापी विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर कर दिया। बच्चों
के साथ दुष्कर्म के बढ़ते मामलों को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग उठने
उठने लगी।
इस साल 19 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर अमृतसर के जोड़ा स्थित रेलवे
क्रॉसिंग के पास रावण दहन के दौरान ट्रेन लोगों को रौंदती हुई निकल गई थी।
इस घटना में 60 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद लोगों ने सड़कों पर उतरकर
सरकार और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया।
अमरीका से शुरू हुए मीटू मुहिम ने भारत में फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता
के साथ यहां दस्तक दी।
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