नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों में सुधार के लिए पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कही वह पंक्ति सौरव गांगुली की अगुवाई
वाली टीम के हर सदस्य को आज भी याद है जब उन्होंने कहा था कि कि ‘खेल ही
नहीं, दिल भी जीतिए’। बात 2004 की है जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी ने सौरव गांगुली की अगुवाई में इंडियन क्रिकेट टीम को पाकिस्तान
दौरे पर जाने की मंजूरी दी थी। तब गांगुली की कप्तानी में टीम में सचिन
तेंदुलकर, वीरेंद्र
सहवाग, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज खिलाड़ी
शामिल थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मैच के साथ लोगों का दिल भी तुम लोगों
को जीतना है
जब टीम रवानगी लेने वाली थी उस दिन
प्रधानमंत्री कार्यालय से मैसेज आया कि प्रधानमंत्री इंडियन क्रिकेट टीम से
मिलेंगे। टीम जब सुबह पीएम आवास पहुंची तो वाजपेयी ने टीम के हर सदस्य से
बात की। तब वहां नौसेना का बैंड बज रहा था, जिस पर देशभक्ति के गीत की धुन
बज रही थी। वाजपेयी ने सौरव को एक संदेश के साथ बल्ला दिया जिस पर लिखा था
कि खेल ही नहीं दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं। इसके साथ ही जाने से पहले सौरव
से कहा कि यह दौरा बहुत अहम है और मैच के साथ लोगों का दिल भी तुम लोगों
को जीतना है।
सन 2004 में भारत और पाकिस्तान के आपसी
संबंधों में सुधार के लिए उस ऐतिहासिक दौरे को काफी अहम माना जा रहा था।
पिछले कई वर्षों से भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं पर पूर्ण क्रिकेट सीरीज नहीं
खेली थी और उम्मीदों का सरमाया लेकर गांगुली टीम के साथ सरहद पार जा रहे
थे।
उस समय टीम के मैनेजर रहे प्रोफेसर रत्नाकर शेट्टी के मुताबिक
‘वह दौरा सिर्फ वाजपेयी जी के कारण ही संभव हो सका था। वे आपसी संबंध
सुधारने के लिए क्रिकेट को जरिया बनाना चाहते थे और बीसीसीआई को सरकार से
मंजूरी मिलने के बाद ही हमने टीम भेजी।’
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