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नवजोत सिंह सिद्धू नहीं माने तो लाल सिंह को बनाया जा सकता है पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष

If Navjot Singh Sidhu does not agree, Lal Singh can be made Punjab Congress President - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। कांग्रेस पंजाब में नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रही है और अगर नवजोत सिंह सिद्धू नहीं माने तो इस पद की जिम्मेदारी संभावित तौर पर पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री, छह बार के विधायक लाल सिंह को सौंपी जा सकती है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, पहले कई सरकारी और संगठनात्मक पदों पर रहे लाल सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है, वहीं पार्टी अन्य नामों पर भी विचार कर रही है। कांग्रेस तत्काल प्रतिस्थापन के लिए कुछ नामों पर विचार कर रही है और उनमें से एक आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी हैं। लुधियाना के सांसद और अमरिंदर सिंह के खेमे से रवनीत सिंह बिट्टू और अमरिंदर सिंह के विरोधी प्रताप सिंह बाजवा के नाम भी चर्चा में हैं। हाल ही में गार्ड ऑफ चेंज की प्रक्रिया के दौरान मुख्यमंत्री पद से चूकने वाले पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर भी विचार किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि महासचिव और पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर रहे हैं और उन्होंने वह खुद दिल्ली में किसी अज्ञात जगह पर डेरा डाले हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से भी मुलाकात की संभावना से भी इंकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने मंगलवार रात दिल्ली में कपूरथला हाउस खाली कर दिया है।
कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी शांत करना चाहती है। वहीं बिट्टू को राजनीतिक वंश (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते) के रूप में तवज्जो दी जा सकती है और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। हालांकि रावत कार्यालय का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वह बोलेंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ेंगे क्योंकि लड़ाई उन सिद्धांतों के लिए है जिनसे वह समझौता नहीं करेंगे।
सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, "मैं अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ूंगा।"
सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा, "यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है। मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा।"
उन्होंने कहा कि वह राज्य में पहली बार अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नवगठित राज्य मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों को वापस लाए जाने को स्वीकार नहीं करेंगे।
क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने पंजाबी में साझा किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि उनका एकमात्र धर्म लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। सिद्धू ने यह भी कहा कि उन्होंने न्याय के लिए और पंजाब के एजेंडे के लिए लड़ाई लड़ी है।
--आईएएनएस

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Web Title-If Navjot Singh Sidhu does not agree, Lal Singh can be made Punjab Congress President
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