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नईदिल्ली। कहते हैं... अपराधी कितना ही चालाक क्यों न हो, समय बदलता है तो सारी चालाकी धरी रह जाती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहे जितना भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े-बड़े दावे करें, बयान दें, लेकिन सच्चाई दबाई नहीं जा सकती है। केंद्र की सत्ता बदली तो अनेक भ्रष्टाचारों से पर्दा हटेगा। लेकिन.... इस वक्त तो असंतुष्ट बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल का वह बयान बीजेपी के सामने सबसे बड़ा सवाल है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें बीजेपी से निकाला गया तो कोविड में 40,000 करोड़ रुपये लूटने वालों का नाम उजागर कर दूंगा?
खबरें हैं कि इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अनियमितताएं होने के यतनाल के आरोप कांग्रेस के इस आरोप के सबूत हैं कि राज्य में भाजपा शासन में 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार थी।
याद रहे, यतनाल ने कई बीजेपी नेताओं द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच कहा कि.... उन्होंने (कर्नाटक में पहले की बीजेपी सरकार ने कोविड के दौरान) बड़ा भ्रष्टाचार किया। उन्हें मुझे नोटिस देने दीजिए और पार्टी से निकालने की कोशिश करने दीजिए, फिर मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा।
असंतुष्ट बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल का कहना है कि-एक मास्क 45 रुपए का आता है और श्रीमान येदियुरप्पा, कोविड के दौरान आपकी सरकार ने हर मास्क पर कितना खर्च किया? उन्होंने एक मास्क पर 485 रुपए का दाम दिया।
यही नहीं, उन्होंने बेंगलुरु में 10 हजार बिस्तर का इंतजाम किया। इन बिस्तर का किराया (याद रहे कि उन्हें केवल किराए पर लिया गया था) यदि उन्होंने खरीदा होता तो (उतने ही पैसे में) दो बिस्तर खरीदे जा सकते थे? उन्होंने प्रति दिन के हिसाब से 20 हजार रुपए दिए। सियासी सयानों का मानना है कि.... भ्रष्टाचार भले ही करना आसान हो, लेकिन उसे दबा कर रखना आसान नहीं है? समय बदलने पर ऐसे और भी भ्रष्टाचार बेनकाब होंगे।
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