इंफाल/नई दिल्ली, । केंद्रीय गृह
मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर में हालिया सिलसिलेवार जातीय हिंसा की जांच के
लिए रविवार को गौहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की
अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। मणिपुर में हिंसा ने अब
तक 98 लोगों की जान ले ली है और 315 लोग घायल हो चुके हैं।
अतिरिक्त सचिव (गृह) पीयूष गोयल द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया
है कि आयोग, जिसके अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास
और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर हैं, पहली बैठक की तारीख से छह
महीने के भीतर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आयोग 3 मई
को मणिपुर में हुई हिंसा और दंगों के कारणों जांच करेगा और उसके बाद के
घटनाक्रम और हिंसा से संबंधित सभी तथ्यों की जांच करेगा।
आयोग का मुख्यालय इंफाल में होगा। यह लोगों की शिकायतों या आरोपों पर भी सुनवाई करेगा।
केंद्रीय
गृहमंत्री अमित शाह ने 29 मई से 1 जून के बीच चार दिनों के लिए
संघर्षग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था और कई जिलों का दौरा करने के बाद
राज्य सरकार, विभिन्न समुदायों के 47 नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) सहित सभी
हितधारकों के साथ दो दर्जन से अधिक बैठकें की थीं। नागरिक और सुरक्षा
अधिकारियों ने घोषणा की थी कि केंद्र जल्द ही राज्य में हिंसा की जांच के
लिए एक जांच आयोग का गठन करेगा।
गृहमंत्री ने यह भी कहा था कि
राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय शांति समिति का गठन
किया जाएगा और इसमें मेइती और कुकी समुदाय सहित सभी वर्गो और समुदायों के
लोगों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की कि सीबीआई जांच छह
विशिष्ट साजिश के मामलों में की जाएगी, जबकि मणिपुर के मुख्य सुरक्षा
सलाहकार, कुलदीप सिंह, सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख की अध्यक्षता में एक
संयुक्त सुरक्षा कमान का गठन किया जाएगा।
--आईएएनएस
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