नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों को अपने कार्यों के सभी क्षेत्रों में डिजिटल प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय के पुलिस डिवीजन 2 के एक हालिया आदेश के अनुसार, सभी सीएपीएफ और सीपीओ को तीन महीने के भीतर विभागीय कैंटीन, मेस शुल्क और गेस्ट हाउस या हॉलिडे होम के लिए कमरे का किराया डिजिटल भुगतान प्राप्त करने की एक प्रणाली प्रदान करने के लिए कहा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डिजिटल भुगतान प्रणाली ऑनलाइन बैंकिंग/यूपीआई/पीओएस मोड द्वारा की जानी चाहिए और कम्प्यूटरीकृत बिल बनाने के लिए और प्रावधान भी दिए गए समय के साथ रखा जा सकता है। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा, "इससे विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने के लिए वसूले गए शुल्कों के उचित लेखांकन की सुविधा भी मिलेगी और इन सेवाओं को तीन महीने के निर्धारित समय के भीतर स्थापित किया जाना चाहिए।"
निर्णय का स्वागत करते हुए, सीएपीएफ के अधिकारियों ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार के दायरे को रोका जा सकेगा और संग्रह विवरण को आसान बनाने में मदद मिलेगी। सुरक्षा कर्मियों के लिए अधिकांश विभागीय कैंटीन डिजिटल मोड पर भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। भुगतान विवरण बिक्री के खातों को भी रखेगा और इसे किसको बेचा गया था इसकी भी जानकारी रखी जाएगी।
--आईएएनएस
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