नई दिल्ली । दिल्ली बीजेपी के पूर्व
अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि
गृहमंत्री अमित शाह ने खुद खतरा मोल लेते हुए दिल्ली को कोरोना से सुरक्षित
किया है, उन्होंने अस्पतालों का दौरा किया, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल घर
में बैठे रहे। राजधानी में कोरोना संक्रमण रोकने में विफल साबित होने के
कारण मुख्यमंत्री केजरीवाल को पद पर बने रहने का हक नहीं। इस नाते उन्हें
इस्तीफा देना चाहिए।
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मनोज तिवारी ने दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था पर हर साल खर्च होने
वाले करीब सात हजार करोड़ रुपये पर श्वेतपत्र(वाइट पेपर) भी जारी करने की
मांग की।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आईएएनएस को
दिए इंटरव्यू में कहा, "केजरीवाल कहते थे कि हमने दिल्ली की स्वास्थ्य
व्यवस्था को वल्र्ड लेवल का बना दिया, जब कोरोना का संकट आया तो मोहल्ले
लेवल की भी सुविधा जनता को नहीं मिली। आप कोई और झूठ बोलिए तो बचने का मौका
मिल जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य पर झूठ बोलने से पोल खुल जाती है। क्योंकि यह
सुविधा हर आदमी से जुड़ी है। मरीजों और गरीबों की बात छोड़िए, डॉक्टरों को
दिल्ली में रहने और खाने की काफी तकलीफ हुई। केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर
फेल है। "
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में अगर समय रहते गृह
मंत्री अमित शाह कमान नहीं संभालते तो फिर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की
वह भविष्यवाणी सच ही नहीं होती बल्कि उससे भी बुरी स्थिति होती। मनीष
सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े पांच लाख कोरोना
पॉजिटिव मामले आएंगे।
मनोज तिवारी ने तंज कसते हुए कहा, "सिसोदिया
जी शीशा तो देखते ही होंगे। उन्होंने डॉयलाग मारकर जनता में भय पैदा कर
दिया था। लेकिन केंद्र सरकार के उठाए गए कदमों, जनता के बीच जागरूकता,
भाजपा की तरफ से काढ़ा वितरण आदि के कारण दिल्ली में कोरोना नियंत्रण में
है। वैसे,सिसोदिया को डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठकर गैर जिम्मेदराना बयान
नहीं देना चाहिए था।"
मनोज तिवारी ने कहा, "गृहमंत्री अमित शाह ने
अपने ऊपर खतरा लेकर दिल्ली की जनता को ऐसी राहत दी कि आज उनके विरोधी भी
उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। जब अमित शाह आए तब जाकर दिल्ली की जनता ने चैन से
सोना शुरू किया।"
आम आदमी पार्टी कहती है कि अगर भाजपा यह मानती है
कि दिल्ली में केंद्र सरकार की वजह से ही हालात सुधरे हैं तो फिर क्यों
नहीं गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्यों की
स्थितियां भी सुधरतीं? इस सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा, "हम झगड़े में क्यों
जाएं। मैं आम आदमी पार्टी से पूछता हूं कि दिल्ली की बात करते हुए आप
दूसरी जगह क्यों चले जाते हैं। हमें मिलकर दिल्ली को कोरोना से बचाना है।
जब आप फेल हुए, तब हमें उतरना पड़ा।"
सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली
में कोरोना से बचाव के लिए गृहमंत्री अमित शाह के उठाए कई कदम गिनाए।
तिवारी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को भी कोरोना का डर था, बावजूद इसके
वह एलएनजेपी अस्पताल जाकर जमीनी सच्चाई से रूबरू हुए। सीएम केजरीवाल तो घर
में ही रहे। मैं खुद जब प्रदेश अध्यक्ष था तो हर दिन बाहर निकलता था, आज
सांसद की वजह से लोगों से मिलता हूं। गृहमंत्री ने छतरपुर में दस हजार बेड
की व्यवस्था कराई। कैंट में ढाई हजार आईसीयू की व्यवस्था कराई। 169 जगह पर
एंटीजन टेस्टिंग सेंटर शुरू हुए। नतीजा है कि अब पॉजिटिव की संख्या में कमी
आ रही है। मैं यह नहीं कहता कि सब कुछ ठीक हो गया है, लेकिन हालात पटरी पर
आने लगे हैं।
--आईएएनएस
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