नई दिल्ली। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कर दाताओं को पांच लाख रुपये की छूट का देश भर में स्वागत किया गया है और इससे छोटे करदाताओं को कम कर चुकाना होगा और उनके हाथ में अधिक नकदी रहेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए गोयल ने कहा, "संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने एक साल में 40,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति दी थी, हमने इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये सालाना कर दिया।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गोयल ने कहा, "पिछले पांच सालों में सरकार ने सभी करदाताओं के लिए उपलब्ध और आयकर रियायतें और छूट में कई बदलाव किए हैं। एक तरह से या दूसरी तरह से हमने समाज के सभी वर्गो के लिए रियायतें और छूट दी हैं।"
बदलावों पर ध्यान दिलाते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि आवास ऋण के ब्याज पर हासिल छूट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि 80सी के तहत प्रमाणित बचत में किए जाने वाले निवेश की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने 50,000 रुपये तक की नई मानक कटौती शुरू की है, जो पहले वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को उपलब्ध नहीं थी। इसी तरह किसी भी प्रकार की कर से छूट प्राप्त सालाना आय को दो लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया है और अतिरिक्त छूट के साथ 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया है।
उन्होंने कहा, "अंतरिम बजट में, हमने कर छूट में और बढ़ोतरी की है, ताकि पांच लाख रुपये तक की आय को छूट मिले। हमने वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर मिलने वाली कर छूट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया है।"
--आईएएनएस
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