नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इस साल की शुरुआत में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में विशेष लोक अभियोजकों (एसपीपी) की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और शहर की पुलिस से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए, गृह मंत्रालय (एमएचए) से इस याचिका को हल करने के लिए कहा और मामले को अगले साल 12 जनवरी को सुनवाई के लिए टाल दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिल्ली अभियोजक वेलफेयर एसोसिएशन (डीपीडब्ल्यूए) की ओर से दायर याचिका में 11 एसएसपी नियुक्त करने के लिए दिल्ली सरकार की 24 जून की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है।
अधिवक्ता आदित्य कपूर, कुशल कुमार, मणिका गोस्वामी और आकाश देव गुप्ता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि ये नियुक्तियां दिल्ली पुलिस की सिफारिशों पर आधारित थीं।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की सिफारिशों के लिए अधिसूचना 'आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 24 के तहत परिकल्पित उद्देश्यों और योजनाओं का घोर उल्लंघन' है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि इस मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और राज्य सरकार के बीच मतभेद हैं।
इस विवाद के बीच, बैजल ने दिल्ली पुलिस द्वारा अनुशंसित नामों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया, जिसके कारण उनके और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के बीच टकराव देखनो को मिला है।
--आईएएनएस
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