नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह पशु तस्करी मामले में मुख्य आरोपी इनामुल हक की जमानत याचिका पर अब 14 फरवरी को सुनवाई करेगा। हक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 18 फरवरी, 2022 को गिरफ्तार किया था। हक के वकील विकास पहवा न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की पीठ के समक्ष पेश होंगे। इससे पहले पाहवा ने कहा था कि यह उनके मुवक्किल की तीसरी गिरफ्तारी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पाहवा ने तर्क दिया कि ईडी को अदालत को संतुष्ट करना चाहिए कि इस मामले में अपराध की आय कैसे है।
उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि सीबीआई चार्जशीट में कोई सबूत नहीं है।
उन्होंने कहा, उन्होंने हवाला चैनलों की पहचान भी नहीं की है, कोई बैंक स्टेटमेंट नहीं है कि पैसा बांग्लादेश से आया है, पैसे का इस्तेमाल कैसे किया गया, इस बारे में कुछ भी नहीं है।
उन्होंने यह भी इशारा किया कि उन्होंने एक डायरी उठाई है, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हक के कर्मचारी मनोज सिन्हा को पैसे किसने दिए।
पाहवा ने कहा था कि अपराध की आय का लिंक गायब है।
उन्होंने कहा: मामले के मूलभूत तथ्यों को स्थापित करना ईडी का काम है। सबूत की जरूरत तभी होती है जब ट्रायल शुरू होता है और चार्जशीट दायर की जाती है।
13 दिसंबर को, पाहवा ने तर्क दिया था कि जांच एजेंसी अपराध और अपराध की आय को दिखाने में विफल रही है, और इस प्रकार, धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 लागू नहीं होती है।
उन्होंने तर्क दिया कि ईडी हक पर आईपीसी की धारा 120बी, 420 के तहत पशु तस्करी का आरोप लगा रही है न कि रिश्वतखोरी का। उन्होंने कहा कि अगर मवेशियों की तस्करी देश से बाहर की जाती है तो पैसा भारत में आना चाहिए।(आईएएनएस)
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