हालांकि 1970 के मध्य में दो और तीन न्यायाधीशों की सदस्यता वाली पीठों ने जोर देकर कहा था कि निजता एक मौलिक अधिकार है। वहीं
अदालत के समक्ष दायर कई याचिकाओं में कहा गया है कि निजता मौलिक अधिकार है
या नहीं, यह मुद्दा आधार योजना को चुनौती देने के लिए महत्वूपर्ण है और
निजता के अधिकार की कसौटी है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सरकार द्वारा आंख
की पुतलियों का स्कैन और उंगलियों के निशान लेना नागरिकों के निजता के
अधिकार का उल्लंघन है। ये भी पढ़ें - माता का चमत्कार: आपस में लड पडे थे पाक सैनिक....
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