नई दिल्ली केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर
कहा कि तंबाकू के खिलाफ लड़ाई उनके लिए एक निजी लड़ाई है और वह इस पर और
इसके उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध चाहते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, "तंबाकू के खिलाफ लड़ाई मेरे लिए एक व्यक्तिगत लड़ाई
है। एक ईएनटी सर्जन के तौर पर मैं इस बात का गवाह रहा हूं कि कैसे यह न
केवल उपयोगकर्ता, बल्कि पूरे परिवार को नष्ट कर देता है। मैं इस बुराई के
खात्मे के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू और इसके उत्पादों पर
पूर्ण प्रतिबंध के पक्ष में हूं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विश्व स्वास्थ्य संगठन
(डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल तंबाकू उद्योग अपने उत्पादों का विज्ञापन
करने के लिए नौ अरब डॉलर से अधिक खर्च करता है। तंबाकू की वजह से 80 लाख
लोग हर साल अपनी जान गंवा देते हैं और इन्हीं लोगों की जगह लेने के लिए
तंबाकू उद्योग तेजी से निकोटीन और तंबाकू उत्पादों के लिए युवाओं को लक्षित
कर रहा है।
इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस अभियान तंबाकू और संबंधित उद्योग द्वारा बच्चों और युवाओं को शोषण से बचाने पर केंद्रित है।
डब्ल्यूएचओ
ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भी तंबाकू और निकोटीन उद्योग ऐसे
उत्पादों को आगे बढ़ाते हैं, जो लोगों की कोरोनावायरस से लड़ने और बीमारी
से उबरने की क्षमता को कम करते हैं।
स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि
उद्योग ने क्वारंटीन के दौरान मुफ्त ब्रांडेड मास्क और डोरस्टेप डिलीवरी की
पेशकश की और अपने उत्पादों को 'आवश्यक' चीजों के रूप में सूचीबद्ध करने की
पैरवी भी की।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 13 से 15 साल की उम्र के चार करोड़ से अधिक बच्चों ने तंबाकू का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
--आईएएनएस
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