उन्होंने कहा कि उनके पास आलोचना करने का अधिकारी है लेकिन इसका मतलब यह
नहीं है कि वे संसद को बाधित करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सफलता
चर्चा में है ना कि उसको बाधित करने में। उपराष्ट्रपति की इस बात पर सदन
में तालियां बजीं। ये भी पढ़ें - इस पहाड़ से प्रकट हुई थी ज्वाला मां की स्वयंभू प्रतिमा
साथ ही हामिद अंसारी ने अपने विदाई भाषण में राज्यसभा के
सदस्यों को धन्यवाद दिया और शुभकामनाएं दी। अंसारी ने शायराना अंदाज में
धन्यवाद दिया। अंत में उन्होंने कहा कि आज खत्म करें दास्ताने इश्क, अब
खत्म आशिकी के फसाने सुनाएं हम।
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