नई दिल्ली । उत्सवों के
दौरान कोरोनावायरस का फैलाव रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को
मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कंटेनमेंट जोन में रहने वाले
लोगों से त्योहारों को अपने घरों में ही मनाने की अपील की है।
मंत्रालय ने कहा, "कंटेनमेंट जोन के बाहर ही उत्सव-त्योहारों के
कार्यक्रम-समारोह आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी। कंटेनर जोन के आयोजकों,
कर्मचारियों और आगंतुकों को इनमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कंटेनर जोन के अंदर रहने वाले लोगों को अपने घरों के अंदर ही सभी त्योहार
मनाने की सलाह दी जाती है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसमें यह भी कहा गया है कि त्योहारों से
जुड़े, मेलों, रैलियों, प्रदर्शनियों, सांस्कृतिक समारोहों, जुलूसों और
कॉन्सर्ट्स आदि के आयोजकों को समारोह स्थल पर लोगों के स्थान की पहचान करने
(कहीं भी कंटेनमेंट जोन से तो नहीं हैं), थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल
डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन आदि उपायों का पालन करने के लिए विस्तृत योजना
तैयार करनी होगी।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है, "कई दिन या
हफ्तेभर चलने वाले समारोहों के दौरान पीक अवर्स या खास दिन को चिन्हित करते
हुए आयोजकों को बार-बार सैनिटाइजेशन करना, भीड़ को नियंत्रित कर सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना होगा।"
रैलियों और विसर्जन
जुलूसों में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। सोशल
डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, लंबी
रैलियों-जुलूसों में एंबुलेंस सुविधा भी होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने
कहा कि लंबी दूरी पर फैली रैलियों और जुलूसों जैसे कार्यक्रमों के लिए
एम्बुलेंस सेवाओं का समर्थन आवश्यक है।
केंद्र ने कहा है, "लोगों
की कम संख्या रखने और प्रवेश प्रतिबंधित करने पर विचार किया जा सकता है।
थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने को सुनिश्चित करने के लिए
स्वयंसेवकों की तैनाती पर्याप्त संख्या में की जानी चाहिए। रंगमंच और
सिनेमा कलाकारों के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश ही मंच के कलाकारों के लिए
लागू होंगे।"
सभी मानदंडों का सही तरीके से पालन हो रहा है या
नहीं, इसकी निगरानी के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर क्लोज सर्किट कैमरे हों।
रैलियों और जुलूसों के लिए मार्ग की योजना, विसर्जन स्थलों की पहचान, लोगों
की संख्या तय करना, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए तैयारी करने आदि के
लिए पहले से योजनाएं बनानी चाहिए और उन्हें लागू करने के लिए कदम उठाने
चाहिए।
--आईएएनएस
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope