नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह अगस्त में गिरकर 93,960 करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई में यह 96,483 करोड़ रुपये था। सरकार ने कहा कि जीएसटी संग्रह में गिरावट का मुख्य कारण उन वस्तुओं की बिक्री में ‘संभावित विलंबन’ हो सकता है, जिस पर जीएसटी परिषद ने अपनी 21 जुलाई की बैठक में करों की दरों में कटौती की थी। नई दरें 27 जुलाई से लागू की गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘चूंकि करों में कटौती के लाभ को बाजार को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में समय लगता है, ऐसे में ग्राहकों ने अपने खरीदने के फैसले को स्थगित कर दिया, ताकि उन्हें लाभ मिल सके। करों की दरों में कटौती का वास्तविक असर अगले महीने से पता चलेगा, क्योंकि इस महीने केवल यह कुछ ही दिनों के लिए रहा।’’
बयान में कहा गया कि पहले के प्रचलन से भी पता चलता है कि अगस्त में, जुलाई की तुलना में कम कर संग्रह होता है। बयान में कहा गया, ‘‘अप्रत्यक्ष कर के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में जहां साल के कुल कर संग्रह का 8.2 फीसदी होता है, वहीं, अगस्त में यह 7.7 फीसदी रहता है।’’
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में (जुलाई माह के लिए) सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 93,960 करोड़ रुपये रहा, जिसमें केंद्रीय जीएसटी 15,303 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 21,154 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 49,876 करोड़ रुपये रहा, इसके अतिरिक्त 7,628 करोड़ रुपये सेस से संग्रह किए गए।
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