नई दिल्ली। ईंधन कीमतों में तत्काल किसी प्रकार की राहत देने की संभावना से इनकार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री के साथ समीक्षा बैठक के बाद कहा कि सरकार अपने पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को पूरा करेगी, ताकि विकास दर में तेजी आए, जबकि बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर भी कायम रहेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर तीन घंटों तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार को भरोसा है और वह 3.3 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां तक विकास दर को गति प्रदान करने के लिए पूंजीगत खर्च का सवाल है, इसमें हम इस साल कोई कटौती नहीं करेंगे और 100 फीसदी पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को पूरा करेंगे।
वित्तमंत्री पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत के सवाल को टालते नजर आए और यह पूछे जाने पर कि कीमतों में कटौती होगी? उन्होंने कहा कि यह वित्त मंत्रालय का आंतरिक मामला है। सरकार का कहना है कि आयात किए गए कच्चे तेल पर उत्पाद शुल्क को कम करना मुश्किल है, क्योंकि बजट में घोषित की गई विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं पर खर्च करने के लिए इसकी जरूरत है।
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