बैठक में पूरे देश में बिजली की दर प्रति यूनिट एक समान करने का भी सुझाव
दिया गया। मंत्री ने बिजली की कीमतों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ
राज्यों में बिजली की दर आठ रुपए प्रति यूनिट है, जबकि कंपनियां इससे काफी
कम दाम में आपूर्ति कर रही हैं। राज्यों के सरकारी विभागों पर 47 हजार
करोड़ रुपए बकाया हैं। सरकारी विभाग बिल चुका दें तो कंपनियों की हालत में
सुधार हो सकता है। विभागों के ऑफिस में जल्द से जल्द प्रीपेड मीटर लगाया
जाए। जो विभाग जितने रुपए का टैरिफ डालेगा उसे उतनी ही बिजली मिल सकेगी।
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