नई दिल्ली। सरकार को
चालू वित्त वर्ष में बैंकों के फंसे हुए बड़े कर्जो में से करीब 1.8 करोड़
रुपये की वसूली की उम्मीद है, जिसे दिवाला एवं दिवालिया संहिता और कर्ज
वसूली प्राधिकरण के जरिए वसूला जाएगा।
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ सालाना समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने कहा कि कई बड़े एनपीए (फंसे हुए कर्जे) के मामले समाधान की
प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं। इससे बैंकों के साथ ही वित्तीय सेवा विभाग
को भी फंसे हुए बड़े कर्जो की वसूली की उम्मीद है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वित्तीय सेवा
सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकों को फंसे कर्जो से चालू वित्त वर्ष में
1.8 लाख करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में कुल
75,000 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी।
जेटली ने कहा कि पिछले कई सालों के बाद अब सरकारी बैंकों का कर्ज फंसने की घटनाएं कम हो रहीं हैं और उनकी वसूली बढ़ रही है।
उन्होंने
पिछली संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार पर हमला करते हुए कहा,
"मैं भरोसे से कह सकता हूं कि विरासत में मिली समस्याओं से उबर कर अब हम
सही रास्ते पर हैं।"
उन्होंने कहा, "कई तिमाहियों के बाद अब बैंकों
का मुनाफा प्रोविजनिंग (फंसे हुए कर्जो की भरपाई) में नहीं जाता है, बल्कि
पिछली तिमाही से बैंकों की बैलेंसशीट मजबूत होने लगी है। पिछली तिमाही को
देखते और आनेवाली तिमाहियों के अनुमान के आधार पर कह सकते हैं कि बैंकों का
एनपीए घट रहा है और फंसे हुए बड़े कर्जो की वसूली बढ़ रही है।"
--आईएएनएस
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