नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं
सेवा कर (जीएसटी) ने कांग्रेस के विरासत कर को बदल दिया है, जिसमें अधिकांश
वस्तुओं पर 31 फीसदी कर था। अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी में उचित व सरल
कर का प्रावधान किया गया है और इसमें 28 फीसदी कर के स्लैब को राजस्व
संग्रह में सुधार के साथ आगे समाप्त कर दिया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेटली ने
फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा, ‘‘स्वतंत्रता के बाद यह सबसे बड़ा कर सुधार है
जिसके माध्यम से कांग्रेस के विरासत कर की जगह उचित व सरल कर व्यवस्था आ गई
है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी के पहले कांग्रेस पार्टी का विरासत कर था।
केंद्रीय उत्पादन कर के साथ-साथ वैट (मूल्यवर्धित कर) और सीएसटी (केंद्रीय
बिक्री कर) की मानक दरें क्रमश: 12 फीसदी, 14 फीसदी और दो फीसदी थीं। इस
प्रकार उत्तरोत्तर करों को मिलाकर आखिर में वस्तुओं पर 31 फीसदी कर लगता
था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मिनरल वाटर से लेकर हेयर ऑयल, टूथपेस्ट,
साबुन, डेयरी उत्पाद समेत निर्माण सामग्री व घरेलू उपयोग की वस्तुओं पर 31
फीसदी कर लगता था। इस श्रेणी में कुल 235 वस्तुएं आती हैं। इस तरह 31 फीसदी
का कर भारत पर कांग्रेस पार्टी का उपहार था। यह कांग्रेस का विरासत कर
था।’’ मंत्री ने कहा कि जिस दिन जीएसटी लागू हुआ उसी दिन प्रस्तावित 28
फीसदी कर वाली वस्तुओं (जिनपर पहले 31 फीसदी कर था) पर कर की दर 18 फीसदी
कर दी गई।
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