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जितिन के जाने से कांग्रेस के जी-23 असंतुष्टों को भी झटका

G-23 dissidents of Congress were also shocked by Jitin departure - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी से हाई प्रोफाइल नेताओं के एग्जिट ने खतरे की घंटी बजा दी है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर पार्टी में चल रहे संगठनात्मक परिवर्तनों के बारे में प्रतिक्रिया प्राप्त की। साथ ही एआईसीसी स्तर पर भी बदलाव की उम्मीद है।
अब जब जितिन प्रसाद भाजपा में चले गए, कांग्रेस जी -23, घटकर 22 रह गई है। वहीं जी 23 का भाग रहे कपिल सिब्बल और वीरप्पा मोइली ने उनके विचारधारा पर संदेह जताया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके जैसे लोगों को न तो पार्टी और न ही सरकार में प्रमोट करना चाहिए।

नेता ने कहा, "जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन सवाल यह है कि क्या उन्हें भाजपा से 'प्रसाद' मिलेगा या वे यूपी चुनाव के लिए सिर्फ एक 'कैच' हैं? ऐसे सौदों में अगर 'विचारधारा' मायने नहीं रखती है, तो बदलाव आसान है।"

आलोचना के पीछे का कारण यह है कि असंतुष्टों को डर है कि वे विश्वसनीयता खो सकते हैं। एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सिब्बल और मोइली की वैचारिक प्रतिबद्धताएं संदेह से परे हैं। लेकिन जो समूह सुधारों पर जोर दे रहा था वह अब बैकफुट पर है।

पिछले अगस्त में मीडिया में पत्र लीक होने के बाद से समूह पर आक्षेप है और कुमारी शैलजा सहित कई नेताओं ने समूह पर आरोप लगाए और यहां तक कि राहुल गांधी ने भी पत्र के समय पर सवाल उठाया था क्योंकि सोनिया गांधी उस समय अस्पताल में थीं।

लेकिन यूपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के जाने के बाद, कांग्रेस के भीतर सुधारों के लिए शोर तेज हो गया है क्योंकि नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी में 'बड़ी सर्जरी' की मांग की है।

एक अन्य नेता जो पार्टी के भीतर 'बड़ी सर्जरी' की मांग कर रहे हैं। उनमें वीरप्पा मोइली शामिल हैं जिन्होंने कहा है कि पार्टी को क्षेत्रीय नेतृत्व का निर्माण करना चाहिए और केवल प्रतिबद्ध लोगों को बढ़ावा देना चाहिए जो कांग्रेस की विचारधारा के प्रति वफादार हैं। उन्होंने कहा कि प्रसाद की विचारधारा संदेह में थी और ऐसे लोगों को बढ़ावा देने से पहले पार्टी को सोचना चाहिए।

जितिन प्रसाद से पहले, यह ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, जिन्होंने अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी, जिससे मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर गई।

हालांकि, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि "ये युवा बिना किसी प्रयास के सत्ता चाहते हैं और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता नहीं रखते हैं।"

पार्टी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी का अस्तित्व लाखों कांग्रेस कार्यकतार्ओं के कारण है, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए पक्ष बदलने वाले नेताओं के कारण।

पार्टी के कई नेताओं की ओर से उठाया गया बड़ा सवाल विचारधारा के बारे में है जो कांग्रेस का मूल है, और जो विचारधारा से भिन्न हैं उन्हें संगठन या सरकार के शीर्ष पदों पर पदोन्नत नहीं किया जाना चाहिए।

इस बीच, कांग्रेस को पंजाब और राजस्थान में मुद्दों को हल करने के लिए कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि युवा नेता अपने हक की मांग कर रहे हैं, जबकि उसे अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित प्रमुख चुनावों की तैयारी करनी है।

--आईएएनएस

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Web Title-G-23 dissidents of Congress were also shocked by Jitin departure
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