नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मनमोहन सिंह आक्रामक मूड में नजर आ रहे हैं। वे लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। हाल ही उन्होंने आर्थिक सुस्ती को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कुछ सुझाव दिए थे। शनिवार को एक बार फिर मनमोहन ने सरकार पर निशाना साधा। मनमोहन 15वें वित्त आयोग के विषय एवं शर्तों में बदलाव के तरीके को एकपक्षीय बताते हुए सरकार पर बरसे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि केंद्र ने 15वें वित्त आयोग को राज्यों के बीच राशि के बंटवारे का आधार वर्ष 1971 के बजाय 2011 की जनसंख्या को बनाने के लिए कहा है। दक्षिण के कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जनसंख्या नियंत्रित करना कोई अपराध है क्या।
मनमोहन ने वित्त आयोग के समक्ष रखे गए अतिरिक्त विषयों और राज्यों पर उनके संभावित प्रभाव पर चर्चा वाले एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार वित्त आयोग के विचारणीय विषय व शर्तों में फेरबदल करना भी चाहती थी तो अच्छा तरीका यही होता कि उस पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन का समर्थन ले लेती।
यह सम्मेलन अब नीति आयोग के तत्वावधान में होता है। ऐसा नहीं करने से यह संदेश जाएगा कि धन आवंटन के मामले में केंद्र राज्यों के अधिकारों को छीनना चाहता है। मेरे हिसाब से हम अपने देश की जिस संघीय नीति और सहकारी संघवाद की कसमें खाते हैं, यह उसके लिए सही नहीं है।
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