इस संबंध में रंजन और तिर्की से उनका बयान लेने के लिए संपर्क किया गया, मगर वह अपलब्ध न हो सके।
श्रीवास्तव 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने पांच साल पहले दिल्ली पुलिस में आतंकवाद रोधी इकाई का नेतृत्व किया था।
यह पाया गया है कि अमेरिका, फ्रांस और इटली सहित अन्य देशों के 1,306 विदेशी तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। देशभर में तेजी से फैलते कोरोनावायरस के बीच विभिन्न हिस्सों में उनकी पहचान की गई है और उनमें से ज्यादातर को एकांतवास में रखा गया है।
कुल 1,306 विदेशी नागरिकों सहित लगभग 9,000 लोगों ने सुन्नी संगठन तबलीगी जमात के मार्च में हुए कार्यक्रम में भाग लिया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले काफी लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके बाद एहतियात के तौर पर कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की राष्ट्रव्यापी खोजबीन शुरू की गई।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशन में गृह मंत्रालय ने पर्यटक वीजा पर भारत आए 960 विदेशियों को तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के लिए काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया था।
मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों व पुलिस आयुक्त के साथ ही दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया कि उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी लोगों के खिलाफ विदेशी कानून 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की संबंधित धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात मरकज के प्रमुख मोहम्मद साद समेत सात लोगों के खिलाफ विभिन्न कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
--आईएएनएस
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