नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूरी तरह आंदोलन की राजनीति अब पहले जैसी प्रासंगिक नहीं रही। उन्होंने जमीनी स्तर पर प्रगति के लिए भारत के विकास मॉडल को ठीक करने का आह्वान किया और कहा कि विकास के मापदंड में पीछे 115 जिलों का विकास मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में देश की रैंकिंग में तेजी से परिवर्तन लाएगा। मोदी ने सामाजिक न्याय पाने और मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में देश के दर्जे में सुधार लाने के लिए 115 महत्वाकांक्षी जिलों में बदलाव लाने का आह्वान किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने इन 115 जिलों में त्वरित परिणामों के लिए युवा व प्रेरित आईएएएस अधिकारियों की तैनाती पर भी जोर दिया। मोदी ने कहा कि वह इन जिलों को पिछड़े जिलों के रूप में वर्गीकृत करने के खिलाफ हैं, जो विशेष विकास मापदंडों पर पिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘रणनीति के तौर पर हमारे विकास मॉडल को दुरुस्त करने की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय की परंपरागत अवधारणा समाज की स्थिति के संदर्भ में रही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। मोदी ने कहा, ‘‘अगर एक गांव के पास बिजली की सुविधा है, लेकिन पड़ोसी गांव के पास नहीं है तो क्या यह सामाजिक न्याय नहीं है कि उसके पास भी बिजली होनी चाहिए। सामाजिक न्याय के सिद्धांत हमें इसके लिए प्रेरित करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि 115 जिलों का विकास सामाजिक न्याय है।
मोदी ने कहा, ‘‘अगर हमारे क्षेत्र के सभी बच्चों को शिक्षा मिलती है तो यह सामाजिक न्याय की ओर बढ़ा कदम है। अगर सभी घरों में बिजली है तो यह सामाजिक न्याय के प्रति बढ़ा कदम है। सामाजिक न्याय की अवधारणा का यह नया स्वरूप यहां कक्ष में बैठे महान लोगों के दृष्टिकोण के मुताबिक है।’’
मोदी ने कहा कि चुने गए प्रतिनिधि काम करने के लिए किसी एक क्षेत्र का चयन कर सकते हैं और चीजें बदलने लगेंगी। मोदी ने कहा, ‘‘नए बजट की जरूरत नहीं है। मौजूदा संसाधन, श्रमशक्ति...अगर मिशन मोड पर काम करते हैं तो फिर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। एक साल समर्पण भाव के साथ काम करने से देश और राज्य की तस्वीर में बदलाव देखने को मिलेगा। ’’ उन्होंने कहा कि एचडीआई की रैंकिंग में भारत 130वें स्थान पर है, अगर इन 115 जिलों की स्थिति में सुधार होता है तो इससे स्वत: ही देश की रैंकिंग में सुधार होगा।
मोदी ने कहा कि करीब 20 साल पहले राजनीतिक संघर्ष, आंदोलन, बयानबाजी से जनता को लुभाने का काम होता था, लेकिन अब जनता जागरूक हो गई है और यह देखती है कि जरूरत के समय कौन से राजनेता उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं और कौन उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं। मोदी ने कहा कि अगर इन 115 जिलों में युवा, ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती अगले कुछ सालों में हो सके तो बदलाव देखने को मिल सकता है। वह मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं कि अधिकारियों को यह चुनौती दी जाए।
उन्होंने चुने गए प्रतिनिधियों से इन जिलों के संदर्भ में खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। मोदी ने कहा, ‘‘संसाधन समस्या नहीं हैं, सुशासन एक समस्या है, समन्वयन एक समस्या है, केंद्रित गतिविधि एक समस्या है। अगर हम इन सब पर ध्यान दें तो हम एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।’’ ‘वी फॉर डेवलपमेंट’ यानी विकास हमारा मकसद है की थीम पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में देशभर के विधायक ओर विधानसभाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के नेता सम्मेलन के उद्घाटन पर पहुंचे थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारत की आजादी के 75वें साल तक टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की अपील की।
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