नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने अंतिम पूर्ण बजट में गरीबों, किसानों को राहत देने की कोशिश की है, लेकिन मध्य वर्ग इस बजट से आहत ही हुआ है। बजट में मिडिल क्लास को कोई राहत नहीं देने के सवाल पर शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी। जेटली ने संवाददाताओं के साथ ओपन हाउस मीटिंग में कहा कि उन्होंने अलग-अलग तरीकों से छोटे करदाताओं को राहत दी है। जेटली ने सैलरीड क्लास और छोटे व्यापारियों को राहत नहीं दिए जाने के सवाल पर हैरानी जताते हुए कहा, मैं सच में पर्याप्त जानकारी के अभाव में पूछे गए इस सवाल को लेकर दंग हूं। जब डायरेक्ट टैक्स में 5 प्रतिशत और इनडायरेक्ट टैक्स में 1 प्रतिशत का स्लैब हो तब सवाल उठता है कि अब आप इसे कितना कम कर सकते हैं? क्या हमें सेना के जवानों की तादाद कम कर दें क्योंकि हम इसे अफोर्ड नहीं कर सकते? क्या हम अस्पताल नहीं बनाएं या हेल्थकेयर की सुविधा नहीं दें? ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेटली ने अपने कार्यकाल में दी गई विभिन्न राहतों का जिक्र करते हुए कहा कि यह जरूरी नहीं कि मध्य वर्ग के लोगों की राहत के लिए टैक्स स्लैब ही बदलें।उन्होंने कहा कि छोटे टैक्सपेयर्स को टैक्स के दायरे में लाने के लिए पिछले साल 2.5 लाख से 5 लाख रुपये वाले स्लैब पर टैक्स की दर 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी थी। जेटली ने कहा, 5 प्रतिशत का स्लैब दुनिया के सिर्फ एक ही देश में हैं- वह है भारत। यह दुनिया का न्यूनतम टैक्स स्लैब है। विभिन्न मीडिया घरानों के प्रतिनधियों के साथ ओपन हाउस मीटिंग में जेटली ने कहा, हमने 50, 60, 70 हजार रुपये महीना आमदनीवाले छोटे कर दाताओं को राहत देने के ये अलग-अलग तरीके अपनाए। हमने इन परोक्ष तरीकों से उनके पॉकिट में ज्यादा पैसे डालने की कोशिश की। छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए यह जरूरी नहीं है कि टैक्स स्लैब को ही बदलें।
उन्होंने कहा कि भारत में टैक्स वसूलना और टैक्स पेयर्स की तादाद बढ़ाना एक गंभीर चुनौती है। इसलिए उनके पिछले चार-पांच बजट का पूरा हिसाब-किताब करने पर पता चलेगा कि करीब-करीब सभी बजट में छोटे टैक्स पेयर्स को चरणबद्ध तरीके से राहत दी गई है। उन्होंने कहा, जब मैं वित्त मंत्री बना तो टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये थी। मैंने इसे 3 लाख रुपये कर दी। दरअसल, दो साल बाद मैंने कहा कि अगले 50 हजार रुपये के लिए आपको कोई टैक्स नहीं देना है। तो छोटे टैक्स पेयर्स के लिए टैक्स छूट की प्रभावी सीमा 3 लाख रुपये हो गई। वित्त मंत्री ने बचत पर भी टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने का भी जिक्र किया।
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