नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच स्थित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू करने के लिए गुरुवार को बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच 200 किसानों का एक समूह जंतर-मंतर पहुंचा। बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर-मंतर प्रदर्शन की अनुमति इस शर्त पर दी कि 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक अधिकतम 200 प्रदर्शनकारियों को अनुमति दी जाएगी।
किसान संसद के पहले दिन, प्रदर्शनकारीकिसानों ने मंडी अधिनियम, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर चर्चा की, इसके अलावा संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान सांसदों को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की।
किसान संसद को तीन सत्रों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक का एक अलग विषय था।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा, "आज हमने संसद में कृषि कानूनों के मुद्दे को उठाने के लिए सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। अगर वे हमारे मुद्दों को नहीं उठाते हैं, तो किसान संबंधित संसदीय गठन उनके खिलाफ विरोध करेंगे।"
उन्होंने कहा कि किसान समानांतर 'संसद' चलाने के लिए जंतर-मंतर पर एकत्र हुए हैं, क्योंकि संसद में कृषि मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है।
कई गैर-भाजपा सांसद, विशेष रूप से देश के दक्षिणी भाग से, तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग को प्रतिध्वनित करते हुए, आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए।
टिकैत ने कहा, "हम यहां अपनी आवाज को और मजबूत करने आए हैं। इस देश के लोग जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों में किसानों पर क्या गुजरी है।"
--आईएएनएस
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