नई दिल्ली। किसानों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि नए कृषि कानूनों पर उनकी शिकायतों के निवारण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति उन्हें स्वीकार्य नहीं है। हालांकि वे सरकार के साथ परस्पर वार्तालाप जारी रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ नौवें दौर की बातचीत के दौरान लंच ब्रेक के बाद कहा, "सरकार के प्रतिनिधियों के साथ हमारी बैठक के दौरान, हमने यह स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति स्वीकार्य नहीं है। हालांकि किसान केंद्र के साथ बातचीत जारी रखेंगे और बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश करेंगे।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले किसान नेताओं ने यहां विज्ञान भवन में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक और बैठक शुरू की। उन्होंने शुक्रवार की दोपहर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा आयोजित लंच भी किया।
टिकैत ने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने और कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी आश्वासन के लिए उनकी मांगों पर चर्चा दोपहर के भोजन के बाद होगी।
उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह सकता कि बैठक कब तक जारी रहेगी। हालांकि, बैठक बहुत अच्छे माहौल में हो रही है।"
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 12 जनवरी को तीन कृषि कानूनों पर रोक लगाने और विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला सुनाने के बाद यह किसानों और सरकार के बीच पहली बैठक है। शीर्ष अदालत की ओर से चार सदस्सीय समिति में किसान नेता भूपेंद्र सिंह मान का नाम भी शामिल था, जिन्होंने गुरुवार को समिति से अपना नाम वापस ले लिया है।
इससे पहले सुबह नौवें दौर की वार्ता शुरू होने से पहले टिकैत ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार अपने पहले जैसे रुख पर ही कायम रहती दिखाई देगी तो किसान नेता बैठक छोड़कर चले आएंगे।
उन्होंने आईएएनएस से कहा था, "अगर सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसानों की मांगों को पूरा करने से डर रही है, तो फिर बातचीत जारी रखने का कोई मतलब ही नहीं है।"
--आईएएनएस
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