नई दिल्ली,। नए साल की पहली कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने बुधवार को डीएपी फर्टिलाइजर के लिए स्पेशल पैकेज और फसल बीमा की अवधि विस्तार तथा उसमें अन्य बदलावों को मंजूरी दी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी।
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शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कैबिनेट ने पीएम फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक कवरेज मिलेगा। उन्होंने बताया कि अब तक किसानों ने योजना के तहत लगभग 34 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया है, और इसके बदले उन्हें लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये का क्लेम प्राप्त हुआ है।
कृषि मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पहले मुआवजा केवल ब्लॉक या तहसील स्तर पर ही दिया जाता था, जिससे अगर एक ब्लॉक या तहसील में फसल खराब होती थी, तभी किसानों को मुआवजा मिलता था। इस स्थिति में, अगर कुछ गांवों में फसल बर्बाद होती थी तो किसानों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए पूरी तहसील या ब्लॉक में नुकसान होने का इंतजार करना पड़ता था।"
उन्होंने कहा, "लेकिन, 2016 में हमारी सरकार ने इस नीति में सुधार करते हुए मुआवजा की इकाई को अब गांव और ग्राम पंचायत स्तर पर कर दिया। इसका मतलब यह है कि अब यदि एक गांव में भी फसल खराब होती है, तो उस गांव के किसानों को मुआवजा मिलेगा। साथ ही, स्थानीय आपदाओं को भी कवरेज में शामिल किया गया है। अब यदि किसी किसान का नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी उसे मुआवजा देगी। इस योजना में और भी कई बदलाव किए गए हैं। अब यदि बीमा कंपनी भुगतान में देरी करती है, तो उस राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा।"
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "पहले फसल नुकसान का आकलन मैन्युअल रूप से किया जाता था, जिससे कई बार गड़बड़ी की शिकायतें मिलती थीं। अब रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे इन समस्याओं का समाधान होगा और आकलन में पारदर्शिता आएगी।"
--आईएएनएस
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